Tuesday, February 21, 2023

पन्ना टाइगर के भीष्म पितामह लापता ,,,प्रबंधन की पहुंच से बाहर ,गुमनाम हो गया पन्ना टाइगर रिज़र्व का जनक

टी 3 ने ही पन्ना टाइगर रिजर्व में बसाया  बाघों का संसार ,,,

दबंग बेटे हीरा पी -111  ने हीं छीना था इलाका , पेच  टाइगर रिजर्व से लाया गया था बाघ टी -3

फादर ऑफ पन्ना टाइगर रिज़र्व टी3

पन्ना अमित सिंह -मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने वाले भीष्म पितामह T-3 के ना मिलने से पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन परेशान ,,, बाघ विहीन हो जाने के बाद लाया गया था फादर ऑफ पीटीआर( टी -3) ,,पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ विहीन हो जाने  के बाद , बाघ पुनर्स्थापना के लिए मुहिम छेड़ी गई और साल 2008 के पहले ही बाघ विहीन हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना का कार्यक्रम शुरू किया गया था,,,, इसके लिए बांधवगढ़ से बाघिन टी-1 और पेंच टाइगर रिजर्व से  बाघ  T-3 जिसे पिता कहा जाता है जिसे 7 नवम्बर 2010 को लाया गया  और अन्य एक बाघिन टी 2 को लाया गया था एक बाघ और दो बाघिन ने अपना वंश  बढ़ाना शुरू किया था और पन्ना टाइगर रिजर्व के पिता ने  52 बाघों का संसार बसाने में विशेष योगदान  रहा है 

बाघ टी 3 अपनी ही संतानों से अपने रहवास  बचाने के लिए संतानों से आपसी लड़ाई कर रहा था,, लेकिन अब पन्ना टाइगर रिजर्व के जनक कहे जाने वाले T-3 का कई दिनों से पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों के संसार में ना देखने से प्रबंधन परेशान हो गया है प्रबंधन की जानकारी में आते ही प्रबंधन ने इसकी तलाश चालू कर दी है ,,, पन्ना टाइगर रिजर्व के बढ़ते कुनबा को देखते हुए बाघ टी 3 अपना ठिकाना और इलाका बहुत पहले छोड़ दिया था  लेकिन बाघो को रेडियो कॉलर होने से बाघों की मॉनिटरिंग सतत रूप से जारी थी  लेकिन पिछले सालों में रेडियो कॉलर को निकाल देने से बाघों की मॉनिटरिंग एवं प्रत्येक बाघ की मॉनिटरिंग करना असंभव हो गया ,, अब T3 के लापता होने से प्रबंधन की चिंता बढ़ती जा रही है ,,कि कहीं बाघ की बढ़ती उम्र के कारण बाघ दुनिया को तो नही छोड़ दिया है ,,लेकिन अब इसकी उम्र लगभग 18 वर्ष हो चुकी है कुल मिलाकर या कहें कि यह है जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर   है या यूं कहें  इस दौरान भोजन के लिए भी भटकना पड़ता होगा ,

तालगांव पठार को बनाया था T-3 ने ठिकाना

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापन के बाद आए पहले बाघ T-3 ने जंगलों की खाक छानकर यहां स्थित तालगांव पठार को अपना पहला इलाका बनाया था। इस इलाके में वह साथी बाघिन टी1 और टी 2 के साथ इसी इलाके को टेरिटरी बनाकर रखा था। यह वह इलाका था जहां से पन्ना में बाघों की वंश बढ़ना शुरू हुआ था। ,दबंग बेटे हीरा ने जो पिछले दिनों खत्म हो गया। यह वहीं टाइगर था, जो बिलकुल अपने पिता के जैसे ही दबंग, तेज, खुंखार था। जवानी में कदम रखते ही उसने सबसे पहले अपने पिता का इलाका तालगांव पठार पर कब्जा जमाया था। उसके कारण ही पिता बाघ T-3 को अपना इलाका छोड़ना पड़ा था।

बाघों की उम्र ,,एक साधारण  उम्र अधिकतम 14 वर्ष होती है और यह बाघ जब आया था उस समय इसकी उम्र 4 वर्ष की थी और अब इसकी उम्र 17 वर्ष हो चुकी है. कुल मिलाकर यह कहें कि अब यह भीष्म पितामह जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर हैं. अब तो उनकी स्थिति यह भी हो गई है कि इसे अब अपने शिकार के लिए ही अपने बच्चों से लड़ना पड़ता होगा ,,



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जंगल मे जंग Tiger Vs Lepard 20 मिनट तक बाघिन ने तेंदुए को घेरा,

टूरिस्ट गाइड ने दृश्य को कैमरे में किया कैद ,, कम देखने को मिलते हैं नजारे 

बाघिन अपने शावकों को बचाने के लिए  तेंदुए को बना रही थी शिकार ,,, डर के मारे पेड़ पर चढ़ा तेंदुआ

पन्ना अमित सिंह - मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघो के  मनमोहक दृश्य एवं जंगली जानवरों की आपसी  जंग ,,आंखमिचौली करने  के  वीडियो लगातार सामने आते रहते हैं,,, ऐसा ही एक मामला पन्ना टाइगर रिजर्व की पीटीआर के मंडला रेंज के छुआई घाटी का है  पर्यटकों ने इस दृश्य को देखते ही वीडियो को अपने कैमरे पर कैद कर लिया,  जहां बाघिन पी151 अपने टेरिटरी क्षेत्र में शावको के साथ जंगल में विचरण कर रही थी,इस दौरान तेंदुआ के सामने आ जाने से  बाघिन ने तेंदुए को देख शिकार करने की कोशिस की ,,लेकिन बाघिन को देख तेंदुआ डरकर पेड़ पर चढ़ गया,,, बाघिन करीब 20 मिनट तक सड़क पर बैठकर तेंदुए को एकटक देखती रही, जैसे ही तेंदुए पेड़ से नीचे उतरा ,बाघिन ने तेजी से उसकी ओर दहाड़ते हुए दौड़ी ,तब कुछ ही दूरी पर बाघिन और तेंदुए की जंग छिड़ गई और बाघिन ने उसे घेर लिया और दहाड़ते  हुए तेंदुए के चारों तरफ घूमने लगी तेंदुए ने लेट कर जान बचाने की कोशिश करता है ,,,, चारों तरफ चक्कर लगाने के बाद बाघिन  ने उसे जाने दिया ,,,जानकारी के अनुसार जहां बाघिन  पी 151  एवं उसके शावक करीब 1 महीने से पर्यटकों के बीच अपने,मनमोहक दृश्य को केंद्रित किए हुए हैं लेकिन बहुत कम देखने को मिलते हैं ऐसे दृश्य जिप्सियों के साथ पीछे करीब 50 पर्यटक सवार जिन्होंने अद्भुत दृश्य को लाइव  देखा ,,,,,, बाघिन  ने तेंदुए की जान बक्सा दी,,,


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डिजिटल इंडिया के युग में,, अंधेरे के साए में आदिवासियों की ज़िंदगी

युवाओं ने नहीं देखी घर में बिजली,, आदिवासी परिवारों के घर में आज भी अंधेरा कायम.

पन्ना ब्यूरो -मध्यप्रदेश  विधानसभा पर विकास यात्रा एवं विकास के मुद्दे लेकर, यात्रा निकाली जा रही,,, जिसमें जगह-जगह हुए विकास की गाथा का गुणगान किया जा रहा है  ,,लेकिन हम  ऐसे गांव का जिक्र कर रहे है ,,जहां इस डिजिटल युग में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है ,लेकिन यह गांव पन्ना प्रशासन की लिस्ट से गायब है , है ,,,और कागजो में पूरा विकास  हो गया है ,,,,पवई विधानसभा के इस गांव  में पिछले कई वर्षो से लोगो ने बिजली के दर्शन नही हुए है ,और इस टिकरिया गांव मे आज भी अंधेरा कायम बना हुआ है,,,लगभग 400 लोगों की आबादी वाले गांव में आज भी मूलभूत सुविधा जैसी बिजली ना होने के कारण यहां की युवा पीढ़ी एवं लोगों के परिवार के भविष्य में अंधेरा छाया हुआ है  लेकिन आज भी पन्ना जिला के ना तो जिला प्रशासन ने ,,,ना ही किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा यहां की मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया है , 

कहते हैं कि उम्मीदें इस संसार में इंसान को जिंदा रखती है , आजऔर आज भी आदिवासियों को यह उम्मीद है कि  हमारे गांव में उजाला आएगा अंधकार मिट जाएगा लेकिन यह कब होगा कैसे होगा यह तो प्रशासन ही जाने ,, गांव में बिजली आने की आस में लोगो की  आंखें पथरीली और उजाले की आस में जिंदगी गुजार गई है ,,, लेककन अभी भी उम्मीद की जा रही है कि शायद दर-दर की ठोकरें ,और शिकायत करने से कोई सुन ले और हमारे अंधकार गांव को उजाले में तब्दील करा दे 

 मध्य प्रदेश सरकार एवं विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे सरकार पर आरोप कहीं ना कहीं सिद्ध बैठते नजर आ रहे है  अगर इस डिजिटल युग में भी कोई काम विकास से कोसों दूर नारकीय जीवन जीने को मजबूर है तो कहीं न कहीं प्रशासन से लेकर सरकार भी जिम्मेदार है इस 400 आदिवासियों में 100 युवाओं का भविष्य को चौपट ,, जिला प्रशासन एवं सरकार कर रही है इस गांव ने लाइट न होने की  जानकारी प्रशासन को लगते ही,, पैरों तले जमीन खिसक गई जहां विकास यात्रा के बड़े-बड़े दावे एवं विकास के नाम पर  सर्टिफिकेट प्रशासन प्राप्त कर रहा है ,वही आज गांव की मूलभूतआवश्यक्ता  बिजली के लिए लोग तरस रहे है ,,,,,






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