टी 3 ने ही पन्ना टाइगर रिजर्व में बसाया बाघों का संसार ,,,
दबंग बेटे हीरा पी -111 ने हीं छीना था इलाका , पेच टाइगर रिजर्व से लाया गया था बाघ टी -3
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फादर ऑफ पन्ना टाइगर रिज़र्व टी3 |
पन्ना अमित सिंह -मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने वाले भीष्म पितामह T-3 के ना मिलने से पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन परेशान ,,, बाघ विहीन हो जाने के बाद लाया गया था फादर ऑफ पीटीआर( टी -3) ,,पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ विहीन हो जाने के बाद , बाघ पुनर्स्थापना के लिए मुहिम छेड़ी गई और साल 2008 के पहले ही बाघ विहीन हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना का कार्यक्रम शुरू किया गया था,,,, इसके लिए बांधवगढ़ से बाघिन टी-1 और पेंच टाइगर रिजर्व से बाघ T-3 जिसे पिता कहा जाता है जिसे 7 नवम्बर 2010 को लाया गया और अन्य एक बाघिन टी 2 को लाया गया था एक बाघ और दो बाघिन ने अपना वंश बढ़ाना शुरू किया था और पन्ना टाइगर रिजर्व के पिता ने 52 बाघों का संसार बसाने में विशेष योगदान रहा है
बाघ टी 3 अपनी ही संतानों से अपने रहवास बचाने के लिए संतानों से आपसी लड़ाई कर रहा था,, लेकिन अब पन्ना टाइगर रिजर्व के जनक कहे जाने वाले T-3 का कई दिनों से पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों के संसार में ना देखने से प्रबंधन परेशान हो गया है प्रबंधन की जानकारी में आते ही प्रबंधन ने इसकी तलाश चालू कर दी है ,,, पन्ना टाइगर रिजर्व के बढ़ते कुनबा को देखते हुए बाघ टी 3 अपना ठिकाना और इलाका बहुत पहले छोड़ दिया था लेकिन बाघो को रेडियो कॉलर होने से बाघों की मॉनिटरिंग सतत रूप से जारी थी लेकिन पिछले सालों में रेडियो कॉलर को निकाल देने से बाघों की मॉनिटरिंग एवं प्रत्येक बाघ की मॉनिटरिंग करना असंभव हो गया ,, अब T3 के लापता होने से प्रबंधन की चिंता बढ़ती जा रही है ,,कि कहीं बाघ की बढ़ती उम्र के कारण बाघ दुनिया को तो नही छोड़ दिया है ,,लेकिन अब इसकी उम्र लगभग 18 वर्ष हो चुकी है कुल मिलाकर या कहें कि यह है जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर है या यूं कहें इस दौरान भोजन के लिए भी भटकना पड़ता होगा ,
तालगांव पठार को बनाया था T-3 ने ठिकाना
पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापन के बाद आए पहले बाघ T-3 ने जंगलों की खाक छानकर यहां स्थित तालगांव पठार को अपना पहला इलाका बनाया था। इस इलाके में वह साथी बाघिन टी1 और टी 2 के साथ इसी इलाके को टेरिटरी बनाकर रखा था। यह वह इलाका था जहां से पन्ना में बाघों की वंश बढ़ना शुरू हुआ था। ,दबंग बेटे हीरा ने जो पिछले दिनों खत्म हो गया। यह वहीं टाइगर था, जो बिलकुल अपने पिता के जैसे ही दबंग, तेज, खुंखार था। जवानी में कदम रखते ही उसने सबसे पहले अपने पिता का इलाका तालगांव पठार पर कब्जा जमाया था। उसके कारण ही पिता बाघ T-3 को अपना इलाका छोड़ना पड़ा था।
बाघों की उम्र ,,एक साधारण उम्र अधिकतम 14 वर्ष होती है और यह बाघ जब आया था उस समय इसकी उम्र 4 वर्ष की थी और अब इसकी उम्र 17 वर्ष हो चुकी है. कुल मिलाकर यह कहें कि अब यह भीष्म पितामह जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर हैं. अब तो उनकी स्थिति यह भी हो गई है कि इसे अब अपने शिकार के लिए ही अपने बच्चों से लड़ना पड़ता होगा ,,
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