युवाओं ने नहीं देखी घर में बिजली,, आदिवासी परिवारों के घर में आज भी अंधेरा कायम.
पन्ना ब्यूरो -मध्यप्रदेश विधानसभा पर विकास यात्रा एवं विकास के मुद्दे लेकर, यात्रा निकाली जा रही,,, जिसमें जगह-जगह हुए विकास की गाथा का गुणगान किया जा रहा है ,,लेकिन हम ऐसे गांव का जिक्र कर रहे है ,,जहां इस डिजिटल युग में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है ,लेकिन यह गांव पन्ना प्रशासन की लिस्ट से गायब है , है ,,,और कागजो में पूरा विकास हो गया है ,,,,पवई विधानसभा के इस गांव में पिछले कई वर्षो से लोगो ने बिजली के दर्शन नही हुए है ,और इस टिकरिया गांव मे आज भी अंधेरा कायम बना हुआ है,,,लगभग 400 लोगों की आबादी वाले गांव में आज भी मूलभूत सुविधा जैसी बिजली ना होने के कारण यहां की युवा पीढ़ी एवं लोगों के परिवार के भविष्य में अंधेरा छाया हुआ है लेकिन आज भी पन्ना जिला के ना तो जिला प्रशासन ने ,,,ना ही किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा यहां की मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया है ,
कहते हैं कि उम्मीदें इस संसार में इंसान को जिंदा रखती है , आजऔर आज भी आदिवासियों को यह उम्मीद है कि हमारे गांव में उजाला आएगा अंधकार मिट जाएगा लेकिन यह कब होगा कैसे होगा यह तो प्रशासन ही जाने ,, गांव में बिजली आने की आस में लोगो की आंखें पथरीली और उजाले की आस में जिंदगी गुजार गई है ,,, लेककन अभी भी उम्मीद की जा रही है कि शायद दर-दर की ठोकरें ,और शिकायत करने से कोई सुन ले और हमारे अंधकार गांव को उजाले में तब्दील करा दे
मध्य प्रदेश सरकार एवं विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे सरकार पर आरोप कहीं ना कहीं सिद्ध बैठते नजर आ रहे है अगर इस डिजिटल युग में भी कोई काम विकास से कोसों दूर नारकीय जीवन जीने को मजबूर है तो कहीं न कहीं प्रशासन से लेकर सरकार भी जिम्मेदार है इस 400 आदिवासियों में 100 युवाओं का भविष्य को चौपट ,, जिला प्रशासन एवं सरकार कर रही है इस गांव ने लाइट न होने की जानकारी प्रशासन को लगते ही,, पैरों तले जमीन खिसक गई जहां विकास यात्रा के बड़े-बड़े दावे एवं विकास के नाम पर सर्टिफिकेट प्रशासन प्राप्त कर रहा है ,वही आज गांव की मूलभूतआवश्यक्ता बिजली के लिए लोग तरस रहे है ,,,,,
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