- अवैध हीरे की खदानों से अधिकारियों को हो रही है मोटी कमाई
- अवैध खदानों से फल फूल रहा है हीरे का काला कारोबार
- अवैध खदानों से निकले हुये हीरो को खरीदने के लिए ,बाहरी व्यपरियो का रहता है डेरा
दिखावे के लिए हुई कई बार कार्यवाही लेकिन नही रोक पाए हीरे का काला कारोबार अधिकारी
पन्ना ब्यूरो-विश्व एवं देश दुनिया मे अच्छी किस्म एवं उच्च गुणवत्ता के हीरो के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश का पन्ना जिला । हमेशा ही हीरो के नाम से सुर्खियों में बना रहता है जहा पर अधिकारियों की कृपा से जिले में लगातार कई दर्जन हीरे की अवैध खदाने वन परिक्षेत्र के अंदर ,निजी भूमियों पर एवं राजस्व भूमियों पर संचालित है । लगभग दर्जनों अवैध हीरा खदान है पन्ना विधानसभा क्षेत्र के अंदर,
संचलित अवैध खदाने
सरकोहा, रानीपुर, कृष्णा कल्याणपुर , पटी बजरिया, कीटहा,बंगला,खिरवा,रहुनिया,सिरस्वहा ,इटवा खास ,रामखिरिया बृषपति कुंड ,सेहा ,विश्रामगंज जैसे सैकड़ों की संख्या में अवैध हीरा खदाने चल रही है
अवैध हीरा खदानों से करोड़ों की राजस्व चोरी
अवैध हीरा खदानों से निकलने वाले बेशकीमती हीरे बाहर से आने वाले व्यापारी कम कीमतों में हीरे को खरीद लेते हैं जिसके बाद उसको तैयार कर बढ़े दामों में सूरत मुंबई जैसे बड़े शहरों में बेच देते हैं जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान होता है क्योंकि अगर यह हीरा पन्ना जिले में बने हीरा विभाग में जमा कराया जाए और इसकी नीलामी की जाए तो इसका कुछ हिस्सा राज्य शासन के खजाने में पहुंचता है।
नही हुई आज तक सयुंक्त रूप है कोई कार्यवाही
आमतौर पर वन विभाग राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग समय-समय पर दिखावे के लिए कार्यवाही तो करता है लेकिन जिला प्रशासन द्वारा आज तक कोई इस प्रकार की रणनीति को नहीं तैयार किया गया जिससे इस कारोबार में पूरी तरह रोक लग सके।
क्यों नहीं हो पाती है प्रभावी कार्यवाही
अमूमन अवैध खदानों से निकलने वाला हीरा कई दिनों तक कई व्यापारियों के पास अपनी सही कीमत के लिए चलाया जाता है इसकी जानकारी पुलिस विभाग से लेकर खनिज विभाग तक को होती है लेकिन इस पर कार्यवाही इसलिए नहीं हो पाती है क्योंकि व्यापारियों का नेटवर्क संत्री से लेकर मंत्री तक होता है जिस कारण से हीरा बिकने के बाद इसका लाभ सभी में बराबरी से वितरित होता है जिस कारण से यह अवैध ही रखना ने धड़ल्ले से पनप रही है ।
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