- महारानी जितेश्वरी ने एक बार फिर खनिज मंत्री एवं पन्ना की कांग्रेस जिला अध्यक्ष के खिलाफ खोला मोर्चा*
- भाजपा व कांग्रेस नेता अधिकारियों की सांठगांठ से लूट रहे शासकीय खजाना
- बिना भूअर्जन के मंत्री बृजेन्द्र प्रताप व कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यारानी ने प्राप्त किया करोड़ों का मुआवजा
- महारानी के ज्ञापन के बाद कलेक्टर ने दिये जांच के आदेश, 07 दिनों में मांगा प्रतिवेदन
पन्ना। भाजपा के पन्ना विधायक एवं खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह एवं कांग्रेस की जिलाध्यक्ष दिव्या रानी के परिवारिक तालुकात होने के कारण अलग-अलग पार्टियों से राजनीति कर जिले को कर रहे हैं खोखला महारानी जितेश्वरी
वही पन्ना राज परिवार की महारानी जीतेश्रीदेवी ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए जिले के भाजपा और कांग्रेस के नेताओं पर अधिकारियों की सांठगांठ से शासकीय राशि हड़पने का आरोप लगाते हुए मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह व कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिव्यारानी सिंह द्वारा बिना भू-अर्जन के प्राप्त की गई लाखों और करोड़ों रुपए की राशि की अति शीघ्र वसूली करवाने की मांग की है। विदित हो कि वर्तमान में नेशनल हाईवे 39 का निर्माण कार्य प्रगति पर है,
जो पन्ना जिला एवं शहर से होकर गुजरती है, उक्त रोड के निर्माण के लिए सड़क को चौड़ी करने अगल बगल के भवन एवं जमीनों के भू-अर्जन हेतु शासन की गाइड लाइन के अनुसार मुआवजा दिया गया है, जिसमें पन्ना विधायक व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह एवं उनके भाई लोकेन्द्र प्रताप सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिव्यारानी सिंह एवं उनकी माता कल्याणी देवी को लाखों और करोड़ों रुपए का मुआवजा देने के बावजूद जमीन बिना लिए ही सड़क को निर्धारित चौड़ाई से कम कर के निर्माण करा दिया गया है।
महारानी जीतेश्वरी देवी ने बताया कि दिव्यारानी सिंह द्वारा खसरा क्रमांक- 339, 340, 341, 366, 367, 363, 378 के नाम लगभग ढाई करोड़ रुपए का मुआवजा प्राप्त किया गया है। इसी प्रकार खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह एवं उनके भाई लोकेंद्र प्रताप सिंह द्वारा लगभग 50 लाख रुपए का मुआवजा प्राप्त किया गया है। दिव्या रानी सिंह की माता कल्याणी देवी द्वारा लगभग 35 लाख रुपए का मुआवजा प्राप्त किया गया है। इनके अलावा लगभग 2 दर्जन लोगों द्वारा भी लाखों रुपए का मुआवजा दिया गया है परंतु असरदार लोग मुआवजा लेने के बावजूद जमीन पर काबिज हैं। और सड़क का निर्माण बिना चौड़ीकरण के ही कर दिया गया है, ज्ञापन के माध्यम से महारानी जीतेश्वरी देवी ने बिना भू-अर्जन में दिया गया मुआवजा राशि वापस लेने की मांग की गई है। कलेक्टर संजय मिश्र द्वारा महारानी जीतेश्वरी देवी के ज्ञापन को संज्ञान में लेते हुये अपर कलेक्टर को पत्र लिख कर 07 दिनों में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिये हैं, अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।
उल्लेखनीय है कि, नेशनल हाइवे क्रमांक-39 के पन्ना-सतना खण्ड अंतर्गत पन्ना शहर के अंदर चौड़ीकरण हेतु निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी रीवा की मांग पर पन्ना जिला प्रशासन के द्वारा कराये गए भू-अर्जन में कुल 10 लोगों को अर्जित भूमि, मकान, वृक्ष, भूमि के मूल्य पर 10 प्रतिशत विकास राशि तथा 10 प्रतिशत सर्विस चार्ज सहित कुल प्रतिकर राशि- 6,98,28,804.10/- रुपए का भुगतान किया गया। उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार इसमें जिला कोंग्रेस अध्यक्ष दिव्यारानी सिंह एवं कोंग्रेस नेता किशन शिवहरे की भूमि का सर्वाधिक अधिग्रहण हुआ और दोनों को इसके एवज में सबसे अधिक राशि भी मिली। जबकि मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह एवं उनके छोटे भाई लोकेन्द्र प्रताप सिंह को 49,87,015/- की मुआवजा राशि प्राप्त हुई है।
इससे पहले भी पन्ना की महारानी जीत ेश्वरी देवी जी ने बृजेंद्र प्रताप सिंह( खनिज मंत्री) के खिलाफ पन्ना राजघराने द्वारा रक्षा विभाग को दान में दी गई जमीन पर कब्जे के मामले को लेकर उन्होंने केंद्र के दरवाजे खटखटाये है और जेपी नड्डा जी से एवं अमित शाह जी मुलाकात कर चुकी है जा और जानकारी सर्टिफाइड दस्तावेजों के आधार पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है जिसमे अभी तक इस पर किसी भी प्रकार का अमल देखने को नही मिला है
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