Sunday, March 24, 2024

बृज और बरसाना, जैसी होली खेलने कई प्रांतों से पहुंचे श्रद्धालु पन्ना

ब्रज और वृंदावन की परंपरा की तरह पन्ना में भी होली मनाई गई।

पन्ना में मनाया गया फागोत्सव ,अबीर गुलाल, केसर के रंग से मनाई होली

पन्ना ब्यूरो- मंदिरों के शहर पन्ना में रंगों के पर्व होली को बड़े ही अनूठे अंदाज में मनाया जाता है। बृज और वृन्दावन की तरह पन्ना में भी कृष्ण भक्ति परंपरा के विशेष त्यौहार होली को धूमधाम से मनाने की परंपरा है। जिसका निर्वहन आज भी उसी तरह किया जाता है।प्रणामी सम्प्रदाय के सबसे बड़े तीर्थ पन्ना धाम में किलकिला नदी के निकट एक ओर राधिका रानी का मंदिर है इस परिक्षेत्र को बरसाना कहते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ दूरी पर कृष्ण और कृष्ण लीला को केन्द्र में रखकर एक ब्रह्म चबूतरे की स्थापना है। जहां श्री प्राणनाथ श्री कृष्ण की समस्त शक्तियों के साथ पूर्ण ब्रह्म परमात्मा के रूप में विराजमान हैं। इस क्षेत्र को बृजभूमि और परना परम धाम कहते हैं। यहां बृज, वृंदावन और बरसाने की तरह पारम्परिक होली मनाई जाती है।

मंदिर में पूरी रात चलता है फाग उत्सव

पन्ना स्थित महारानी जी (राधिका जी) मंदिर में होलिका दहन के एक दिन पूर्व शनिवार को जागरण की रात प्रतिवर्ष की तरह मनाई गई। इस दिन श्री महारानी जी (राधिका जी) के मंदिर में हीरे एवं रत्न जड़ित आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया। रात्रि में भोग लगने के पश्चात लगभग 10 बजे महारानी के मंदिर के प्रांगण में श्रद्धालु एकत्रित होने लगते हैं फिर फ़ाग गायन का कार्यक्रम प्रारंभ हो जाता है। गोकुल सकल ग्वालिन, घर-घर खेलें फ़ाग..., बेंदा भाल बन्यो राधा प्यारी को.....तू वेदी भाल न दे री.. आज के फ़ाग उत्सव में राधिका जी केन्द्र में है। दरअसल यह उन्हे फाग खेलने का निमंत्रण है। दूसरे दिन गुम्बटजी एवं बंगला जी में पुन: फ़ाग गीतों का गायन होता है। इसके बाद चांदी की पिचकारी से केसर के रंग डाले जाते हैं। परिकल्पना यह है कि यहां राधा और कृष्ण मिलकर परस्पर भाग खेलते हैं। समस्त सुन्दरसाथ सखियों के रूप में गीत गाते हुए इस फाग उत्सव में सम्मिलित होते हैं विशेषकर महिलाएं सोलह सिंगार कर पहुंचती हैं। देर रात तक यहां रंगारंग कार्यक्रम चलता रहा। उत्सव और उल्लास के इस अनूठे आयोजन का हिस्सा बनने के लिये देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पन्ना धाम पहुंचते हैं। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के पन्ना पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है



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एएसआई ने भारत के सबसे पुराने मंदिर की खोज कर ली,,

खुदाई में गर्भ ग्रह सहित ऐतिहासिक मंदिरों के अवशेष एवं प्राचीन शिवलिंग मिला,,

एएसआई ने 'भारत के सबसे पुराने मंदिर' की तलाश में नचने गांव में खुदाई शुरू की 

पन्ना अमित सिंह -एएसआई ने भारत के सबसे पुराने मंदिर की खोज के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के नचने गांव में खुदाई शुरू. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) भारत के सबसे पुराने मंदिर को खोजने की उम्मीद में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के नचने गांव में दो टीलों के नीचे से निकली  ईंटों एवं मंदिर के गृभगृह सहित शिवलिंग के सदियों पुरानी मिट्टी को साफ कर रहा है। . भारत के सबसे पुराने मंदिर को उजागर करने के लिए खुदाई स्थल दो प्राचीन मंदिरों से सिर्फ 30 मीटर की दूरी पर हैं - एक गुप्त-युग का पार्वती मंदिर और कलचुरी राजवंश द्वारा निर्मित चौमुख नाथ मंदिर। नचना हिंदू मंदिर, जिसे नचना मंदिर या नचना-कुठारा में हिंदू मंदिर के रूप में भी जाना जाता है,

5वीं या 6ठीं शताब्दी के गुप्त साम्राज्य युग की हो सकती मूर्तिया मंदिर 

चामुखनाथ ,भुमरा और देवगढ़ के साथ-साथ मध्य भारत के सबसे पुराने जीवित पत्थर के मंदिरों में से हैं।हालाँकि नचना मंदिरों की सटीक तारीख अनिश्चित है, उनकी शैली उन संरचनाओं से तुलनीय है जो 5वीं या 6ठीं शताब्दी के गुप्त साम्राज्य युग की हो सकती हैं। चतुर्मुख मंदिर 9वीं शताब्दी का है और हिंदू मंदिर वास्तुकला की उत्तर भारतीय शैली को दर्शाता है। पुरातत्वविदों का मानना ​​है कि जमीन के नीचे एक ऐतिहासिक स्थल है और वे इसे खोजने के लिए खुदाई कर रहे हैं।

खुदाई में मिला 5 वी सदी से पहले का मंदिर के अवशेष और शिवलिंग 

खुदाई में गर्भ ग्रह सहित ऐतिहासिक मंदिरों के अवशेष एवं सदी का सबसे पहले का शिवलिंग मिला, ऐतिहासिक धरोहर एवं मंदिर झीलों सहित हीरा खनिजों के अपार भंडार से लेकर पुरातत्व के अनुसार पांचवी सदी से पहले के मंदिरों का है इ इस नचने गांव में खुदाई की जा रही है जिसमे भारत के सबसे पुराने मंदिर की तलाश की जा रही है मौजूद 5 मार्च 2024 की शुरुआत में ही यहां पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा नचने में खुदाई का काम चालू किया गया था जो पन्ना जिले से 54 किलोमीटर दूर चौमुखनाथ मंदिर परिसर जहाँ शिव और पार्वती के मंदिर है जो पार्वती मंदिर है वो दुनिया का प्राचीन मंदिर  5वी सदी पूर्व का  माना जाता है ,शिव मंदिर 7वी सदी का माना जाता है मध्य प्रदेश के नचने गांव में पुरातत्वविदो ने भारत के सबसे पुराने मंदिर की तलाश में खुदाई हो रही हैं।जहाँ पर गुप्तकालीन पार्वती मंदिर और चौमुखी मंदिर के पास स्थित इस स्थल का ऐतिहासिक महत्व है। एएसआई की टीम ने  यहां पर आठ टीलों (स्थानों )को चिन्हित किया है जिसमे पहले टीले में लेआउट डालकर बहुत बारीकी से लेवर खुदाई  कर रही है और यहाँ पर मंदिर के अवशेष सहित दीवारों और गर्भ ग्रह मंडप ,प्राचीन शिवलिंग दिखा है,जो अपने आप मे ही ऐतिहासिक है आपको बता दे कि ऐतिहासिक  पार्वती मंदिर की खोज 1883-84 में हुई थी, और वर्तमान खुदाई से ऐतिहासिक रहस्योद्घाटन की नए सिरे से खोज की जा रही है  एएसआई अधिकारियों का लक्ष्य गुप्त-युग से पहले के मंदिरों को ढूंढना है,और उनको सुरक्षित करना है  प्रारंभिक निष्कर्षों से मंदिर के शीर्ष आधे हिस्से की खोज का पता चला है

 एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. शिवकांत बाजपेयी ने कहा कि नचने गांव पुरातात्विक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण स्थान है, और इसमें एक पार्वती मंदिर है।मध्य प्रदेश कई प्राचीन मंदिरों का घर है, जिनमें गुप्त काल का मंदिर 'सांची 17' भी शामिल है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह भारत में अब तक का सबसे पुराना पूर्ण जीवित मंदिर है, जो 5वीं शताब्दी ई.पू. का है।




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Sunday, March 17, 2024

खोखला हो रहा पन्ना जिले का पीडब्ल्यूडी विभाग,ठेकेदार कर रहे मनमानी

करोड़ो की सड़क निर्माण कार्य मे ठेकेदार मिट्टी डालकर बनाई जा रही सड़क

पुलिया में सीमेंट गिट्टी के मटेरियल की जगह ,पत्थर की दीवाल,और डस्ट का इस्तेमाल

विभाग की लापरवाही ,मानकों को दरकिनार कर ठेकेदार संतोष गुप्ता कर रहा कार्य


मिट्टी की परत ,गिट्टी की जगह मिट्टी का इस्तेमाल

पन्ना Theउम्मीद ब्यूरो- मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में सरकारी विभाग एवं पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़कों पर  अनिमिताएं एवं मानकों के अनुसार निर्माण कार्य न करने के आरोप सिद्ध हो रहे हैं ,इसके बाद भी पीडब्ल्यूडी की मोटी चमड़ी के अधिकारी जानकर भी अनजान बने है, घटिया निर्माण कार्य  हमेशा सुर्खिया होने पर ,विभागीय अधिकारी औपचारिकता निभा रहे है ,मामला पन्ना जिले से 32 किलोमीटर दूर सिरस्वाहा ग्राम पंचायत के भमका  से चैन सिंह धरमपुर को जोड़ने वाली पीडब्ल्यूडी की सड़क अब ठेकेदार संतोष गुप्ता के चंगुल में फस गई है,करोड़ो की लागत से बन रही सड़क और पुलिया में लापरवाही बरती जा रही है जहाँ सड़क में गिट्टी डालनी थी वहाँ मिट्टी (दमली)डाली जा रही है ,और पुलिया में सीमेंट गिट्टी की जगह मिट्टी डस्ट से निर्माण चल रहा है शिकायत के बाद भी कार्यवाही न कर औपचारिकता निभाई जा रही है एक महीने से बन रही सड़क में बेलन भी सही से नही चलाई गई है,लापरवाही की सारी हदें पार की जा रही है लोगों ने की शिकायत के बाद भी राहगीरों को निकलना अब मुश्किल हो गया है घटिया सड़क बनांकर शासकीय राशि का बंदरबाट कर रहे है अधिकरी और ठेकेदार मिलकर निर्माण कार्यो को ठिकाने लगा रहे है,,

ये है निर्माण कार्य,डस्ट के ढेर

करोड़ो की पक्की सड़क पर गिट्टी बिछने की जगह मिट्टी की कैसी होगी सड़क ,,पीडब्ल्यूडी द्वारा पन्ना के सिरस्वाहा भमका से चैन सिंह  धरमपुर में बन रही सड़क में बिना सेफ्टी के मजदूर कार्य कर रहे है ,ठेकेदार द्वारा लापरवाही की हदे पार की जा रही है बिना मानकों के गिट्टी की जगह मिट्टी मिलाकर,सड़क बनाई जा रही है वही पुलिया निर्माण में  रेत की जगह डस्ट  और गिट्टी सीमेंट रेत का मिक्सर की जगह पत्थर की दीवाल रखकर खाना पूर्ति की जा रही है,शिकायत के बाद विभाग में औपचारिकता के लिए कार्यवाही की गई है जबकि अभी तक बिना मानको के निर्माण किया जा रहा है


भ्रष्टाचार हो चुकी पुलिया में फिर किया जा रहा बंदरबाट,घटिया मटेरिया का इस्तेमालपहले ग्राम पंचायत में बिना बने ही पुलिया का पैसा निकल लिया,कागजों में पुलिया बन
गई अब,संतोष गुप्ता सड़क पुलिया ने अनिमितताओं का दौर जारी  पन्ना जिले में सरकारी  कार्यो मैं भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है,क्योकि  पन्ना जिले के सरकारी के कार्यो की एक लंबी लिस्ट में प्रत्येक कार्य में ठेकेदार द्वारा घटिया मटेरियल इस्तेमाल कर गुणवत्ता विहीन निर्माण कर कार्य किया जा रहा हैं  विभाग के प्रत्येक निर्मण कार्य में सरकारी विभाग के अधिकारियों का 50% कमीशन है इसलिए ,अब सिस्टम कार्यवाही न कर औपचारिकता निभा रहा है ,कितना किसका कमीशन सेट ?





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जनता ने चुना है उनकी सेवा करना मेरा धर्म है _श्री सिंह

जनता ने चुना है उनकी सेवा करना मेरा धर्म है _श्री सिंह पन्ना 29 नवंबर/प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम विभाग मंत्री श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह द्...