Thursday, January 12, 2023

टाइगर स्टेट में 32 बाघो की मौत जहा पन्ना टाइगर में 2022 -23में 3 टाइगर की मौत हुई है बढ़ती बाघों की संख्या अच्छे संकेत

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में 2022_23  के साल  में ,3 बाघ,दो लेपर्ड  , 2 नीलगाय ,1 हाथी , एक भालू की मौत

प्रबंधन की लापरवाही, या शिकारियों का जाल से बच नही पाये पन्ना टाइगर के वन्य जीव

NTCA के मुताबिक पूरे देश में पिछले एक साल में भारत में 99 बाघों की मौत हुई है, 

पन्ना जिले में मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में पन्ना जिले में कोई कसर नहीं छोड़ी क्योंकि पन्ना जिले के प्रबंधन में पन्ना टाइगर रिजर्व में रह रहे बाघों के लिए जोरो जोरो से पर्याप्त सुविधाओं के साथ प्रबंधन ने देखभाल की लेकिन जिस तरह से 2022 मैं पन्ना टाइगर रिजर्व में भी जून और दिसंबर के माह में 2 टाइगर एवं अन्य वन्यजीवों की मृत्यु से प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए है क्योंकि जो मामले आए हैं वह अधिकतर वन्यजीवों के शिकार के लिए खेतों में बिछाए गए करंट या वायर को  लेकर अधिकतर मामले सामने आ रहे रहे है जिससे यह प्रतीत होता है कि वन्यजीवों के लिए शिकारी अपने जाल बुनते रहते है लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन किशोर अपनी देखरेख सही तरीके से नहीं कर पा रहे है

पन्ना टाइगर रिजर्व में बढ़ते बाघों की संख्या से रिज़र्व में टेरिटरी की कमी

पन्ना टाइगर रिजर्व में लगातार बढ़ रही बाघों की संख्या से पन्ना टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल बाघों के हिसाब से कम पड़ता जा रहा है जिस कारण से बागों में भी आपसी मुठभेड़ के कारण भी वन्यजीवों के मौत  के मामले बढ़ते है 

कुनबा बढ़ने के संकेत, टाइगर स्टेट का दर्जा रहेगा बरकरार

 प्रदेश में नवंबर 2021 से गिनती शुरू हुई है थी। तीसरा चरण अप्रेल 2022 में पूरा हुआ। इसके बाद संरक्षित क्षेत्रों में चौथे चरण की गिनती शुरू हुई। पार्कों में ट्रैप कैमरे लगाकर बाघों की आवाजाही कैद की गई। अलग-अलग पार्कों में सितंबर तक गणना चली। इस साल हुई गणना से प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ने के आसार हैं। उम्मीद की जा रही है कि 150 बाघ बढ़ेंगे। यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश में 700 से ज्यादा बाघ हो जाएंगे। वर्ष 2018 की गणना में प्रदेश में 526 बाघ थे। वही पन्ना में 70 से 80 नर एवं मादा बाघ है यह संख्या देश में सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर कर्नाटक राज्य आया था। वहां 524 बाघ पाए गए थे। यदि मप्र में बाघ बढ़ते हैं तो टाइगर स्टेट का दर्जा बरकरार रह सकता है।

ऐसे की जाती है गणना , 

विशेषज्ञों के अनुसार बाघों की गणना जंगल में एक तय स्थान पर ट्रांजिट लाइन खींचकर की जाती है। सुबह से शाम तक इस लाइन से गुजरने वाले जानवरों की गिनती के आधार पर रिपोर्ट तैयार होती है। सैटेलाइट इमेज, ट्रैप कैमरे से ली गई फोटो और जंगल से लिए गए डाटा का मिलान किया जाता है। भारतीय वन्यजीव संस्थान अलग-अलग फोटो में बाघ के शरीर की धारियों का मिलान कर तय करते हैं कि एक ही बाघ है या अलग-अलग।

जून महीने में एक ही दिन मिले थे बाघ व शावक के शव

टाइगर रिजर्व में बाघ के शिकार का यह पहला मामला नहीं है। इसी साल 9 जून की सुबह पन्ना टाइगर रिजर्व के नर बाघ पी-111 व शाम को बाघिन पी-234 के करीब 9 माह के शावक का शव मिला था। बाघ की उम्र 13 वर्ष रही होगी। डीलडौल व साइज के लिहाजा से यह पन्ना टाइगर रिजर्व का सबसे बड़ा बाघ था। इसकी एक झलक पाने पर्यटक बेताब रहते थे। वंशवृद्धि में इसने अहम भूमिका निभाई थी। पन्ना में बाघ के शिकार के मामले गंभीर हैं। बड़ी मेहनत से यहां बाघों का संसार बसाया गया है। लापरवाही किसी कीमत में सहन नहीं की जाएगी। 

शिकारियों का किसी तरफ मूवमेंट नहीं है न ही शिकारी हावी है 

पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्रों में शिकारियों द्वारा टाइगर को शिकार करने के मामले सामने नहीं आए हैं अन्य वन्यजीवों के लिए किसानों ने अपने खेतों की सुरक्षा के लिए तार एवं करंट लगाकर इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की है जिनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की गई और हिदायत दी गई है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए आप सहयोग करें यह हमारी प्रकृति की धरोहर है


पन्ना टाइगर रिजर्व की रानी  शिवपुरी में करेगी राज

पन्ना टाइगर रिजर्व से एक बाघिन को शिवपुरी भेजा जा रहा है जिसमें प्रबंधन ने अपनी पूरी तैयारियां कर ली हैं जल्द से जल्द बाघिन को शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में भेजी जाएगी जहां पर शिवपुरी के जंगल भी बाघों से किए जाएंगे गुलजार ,





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