- बूंद-बूंद पानी को तरसते शहर को भाषण पिलाकर चले गए शिवराज
- भाषणों में कांग्रेस पर साधा निशाना , जल संकट के विषय में मौन
- भाजपा के राज में पन्ना नगर को जल संकट से नहीं मिल पाया निदान
निकटवर्ती पंचायतों के सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं, आशा कार्यकर्ताओं स्व सहायता समूह की महिलाओं को आमसभा में पहुंचाया गया। पन्ना को एक बार फिर घोषणाओं और वादों का झुनझुना थमा कर मुख्यमंत्री चले गये। लोगो का कहना है कि पूर्व की घोषणाओं डायमंड पार्क निर्माण, एग्रीकल्चर कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, वेटरनरी कॉलेज की घोषणा पूर्व मे अनेको बार कर चुके लेकिन आज तक पूर्ण नही हुई। भीषण जल संकट से जूझते पन्ना नगर में मुख्यमंत्री के विरोध की आशंका के चलते चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात किया गया था। विकास की इबारत लिखने का दावा करने वाली प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज को पार्षदों के लिए वोट मांगने पन्ना आना पड़ा। पूर्व की तरह एक बार फिर मुख्यमंत्री अपनी सुनाकर चले गए लेकिन पन्ना के लोगों की पीड़ा को सुनने का उन्हे समय नही मिला। चल रहे नगरी निकाय चुनाव मे सत्ताधारी दल के प्रति समर्पित अफसरों के रहते जिले में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कैसे संपन्न होंगे यह अभी बहुत बडा प्रश्न चिन्ह खडा हो रहा है। आगें देखना है जनता किस दल को अपना मतदान करती है यह भविष्य के गर्त मे है। नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव।
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