शरदपूर्णिमा की रात श्री प्राणनाथ
मंदिर में उमड़े हजारों श्रद्धालु
पूनम की चांदनी रात भक्ति भाव में
डूबे श्रद्धालुओं के जयकारों से गूँजा पन्ना
महामति श्री प्राणनाथ मंदिर में पंचमी
तक चलेंगी जागिनी रास की लीलायें
पन्ना। प्रणामी सम्प्रदाय के प्रमुख
तीर्थ पद्मावतीपुरी धाम पन्ना में अन्तर्राष्ट्रीय शरदपूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर
देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। महामति श्री
प्राणनाथ जी मंदिर में शरदपूर्णिमा की रात भक्ति भाव ( गरबा रास ) में डूबे
श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाते हुए खूब नृत्य किया। हजारों सुन्दरसाथ व नगरवासियों ने श्री जी को निहारकर अपने नैनों
को तृप्त किया। जैसे ही मध्य रात्रि में बंगला जी दरबार साहब से श्री जी की सवारी
रासमण्डल के लिये निकली,
वैसे ही रास के रचइया की, श्री प्राणनाथ प्यारे के जयकारों से पन्ना नगरी गूंज उठी। मालूम हो
कि इस महोत्सव में शामिल होने के लिए देश-विदेश से हजारों की संख्या में लोग पन्ना
पहुंचते हैं।
यहां विराजमान साक्षात अक्षरातीत
पूर्णबृह्म के अलौकिक रास के आनंद में सराबोर होते हैं
उल्लेखनीय है कि श्री प्राणनाथ जी ने
सुन्दरसाथ जी को श्री राज जी-श्यामा जी की अलौकिक अखण्ड रासलीला, जागिनी रास का दर्शन कराया था। प्रणामी धर्म का सबसे पवित्र धाम
श्री गुम्बट जी मन्दिर जिसका प्रांगण बृह्म चबूतरा कहा जाता है। यहीं पर श्री
प्राणनाथ जी ने अपने परम स्नेही सुन्दरसाथ जी को श्री राज जी-श्यामा जी की अलौकिक
अखण्ड रासलीला, जागिनी रास का दर्शन कराया था। इसीलिये इसे जागिनी लीला भी कहा
जाता है। उसी समय से अन्तर्राष्ट्रीय शरदपूर्णिमा महोत्सव का यहां पर बड़े ही
धूमधाम और भक्ति भाव के साथ आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु यहां विराजमान साक्षात
अक्षरातीत पूर्णबृह्म के अलौकिक रास के आनंद में सराबोर होते हैं। गुरुवार पूनम की रात जैसे ही श्रीजी की भव्य सवारी बंगला जी दरबार
साहब से रासमण्डल में आई तो वहां उपस्थित हजारों सुन्दरसाथ अपने पिया के साथ प्रेम
रंग में डूब गये। यह अखण्ड रास का आयोजन पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय शरदपूर्णिमा
उत्सव के रूप में रात-दिन चलेगा।
दिव्य शोभा यात्रा पुजारियों द्वारा
अपने कंधों पर पूर्ण भाव के साथ रास मंडल लाई गई
श्री राज जी महाराज के दिव्य शोभा
यात्रा को मन्दिर के पुजारियों द्वारा अपने कंधों पर पूर्ण भाव के साथ रास मंडल
लाई गई। इस महोत्सव में प्रणामी धर्म के सभी गादीपति, धर्मगुरू व संतगण उपस्थित रहकर कार्यक्रम में शामिल रहे ।
सर्वप्रथम श्री बंगला जी मन्दिर में सेवा, पूजा व आरती हुई।
तत्पश्चात श्री राज जी महाराज के दिव्य सिंहासन को मन्दिर के पुजारियों द्वारा
अपने कंधों पर लेकर श्री प्राणनाथ जी के जयघोष के साथ शोभयात्रा रात्रि ठीक १२ बजे
निकली। शोभायात्रा निकलते ही उपस्थित हजारों की संख्या में प्रणामी धर्मावलम्बी
सुन्दरसाथ की भावनायें व उत्साह कुछ ऐसा दिखा जैसे कि श्री प्राणनाथ जी स्वयं
पालकी में विराजमान हों। शोभायात्रा बृह्म चबूतरे पर ही स्थित रासमण्डल में पधराई
गई। श्री राज जी की शोभयात्रा की एक झलक पाने के लिये सुन्दरसाथ बेताब दिखे। देश के कोने-कोने से आये सुन्दरसाथ
पारम्परिक वेशभूषा में सुसज्जित अपनी-अपनी बोलियों में भजन-कीर्तन करते नजर आये।
श्री प्राणनाथ मंदिर ट्रस्ट ने की
आयोजन की पूरी व्यवस्था
अंतर्राष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव
को लेकर श्री 108 प्रार्थना जी मंदिर ट्रस्ट के द्वारा विगत 6 माह से तैयारी शुरू कर दी गई थी। इन तैयारी में श्रद्धालुओं के लिए
आवास व्यवस्था लंगर व्यवस्था के साथ-साथ सुचारू रूप से आयोजित कार्यक्रम के लिए
वाटरप्रूफ टेंट व्यवस्था की गई है। इसके अलावा स्थानीय जिला प्रशासन एवं पुलिस
प्रशासन के द्वारा भी इस पूरे आयोजन के लिए सहयोग किया गया। इस महोत्सव में मंदिर
ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश भाई पटेल, उपाध्यक्ष तिलक राज
शर्मा महाप्रबंधक देशभूषण शर्मा ट्रस्टी चंद्र कृष्ण त्रिपाठी अभय शर्मा, दिनेश शर्मा, प्रमोद शर्मा, रंजीत शर्मा, गोपाल शर्मा, प्रबंधक मनोज शर्मा, उपप्रबंधक आशीष
शर्मा के साथ साथ धामी समाज के लोगों द्वारा उक्त तैयारी में महत्वपूर्ण योगदान
दिया।
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