Monday, March 25, 2024

भू माफियाओं जिन पर होगा मामला दर्ज,नगर परिषद अध्यक्ष सहित कई लोगो की भूमिका

जांच में होगा खुलासा आखिर  किसका संरक्षण था जो सरकारी जमीन की हुई खरीद फरोख्त

फर्जी रजिस्ट्री कराकर भू-माफियाओं ने बेच दिया पशु का सरकारी अस्पताल,

पन्ना ब्यूरो -मध्य प्रदेश में भू-माफियाओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा, यहां फर्जी रजिस्ट्री कराकर बेच डाला सरकारी अस्पताल।सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे कार्रवाई और सख्तियों के बावजूद मध्य प्रदेश में भू-माफियों के हौसले दिन ब दिन बुलंद होते जा रहे हैं। इसकी ताजा बानगी देखने को मिली पन्ना जिले में स्थित सरकारी जमीन पर, जहां बेकौफ भूमाफियाओं ने फर्जी रजिस्ट्री कराकर अजयगढ़ के सरकारी अस्पताल की जमीन ही बेच डाली। मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने 4 के खिलाफ केस दर्ज करते हुए जांच शुरु कर दी है। बता दें कि पुलिस में शिकायत पशु पालन विभाग के उपसंचालक की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल, मामले की पड़ताल शुरु कर दी गई है।बता दें कि, ये हैरान कर देने वाला मामला जिले के अजयगढ़ का है। जहां पशुपालन विभाग को आवंटित 39 एकड़ जमीन में कई भू-माफिया ने अवैध रूप से कब्जा कर जमीन की फर्जी दस्तावेज तैयार सरकारी जमीन बेच दी। भू-माफिया ने नगर परिषद की संपत्ति कर की एक पर्ची से सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कर दी। जब यह मामला उजागर हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया। फर्जी रजिस्ट्री का मामला पशुपालन मंत्री भोपाल तक पहुंच गया, जिसपर पशुपालन विभाग के उपसंचालक ने मामले को संज्ञान में लेते हुए 4 लोगों के खिलाफ अजयगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी


विभाग की जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा

पशुपालन विभाग को आवंटित 39 एकड़ जमीन मे रकवा नंबर-143/1/1 पर वर्तमान में कई प्रतिष्ठित भू-माफियाओं का कब्जा है। वर्तमान में पशुपालन विभाग को आवंटित सारी जमीन विभाग के पास नहीं है। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उन्होंने 3500 वर्ग फिट जमीन बेची है। बाकी पशुपालन विभाग की सरकारी जमीन कई दबंग, माफिया और रसूखदार लोगों के कब्जे में है। मामले की जांच में जुटी पुलिस सूत्रों की मानें तो अभी 39 ऐसे रसूखदार हैं, जिन्होंने विभाग की जमीन की रजिस्ट्री कर ली है। हालांकि, प्रशासन मामला उजागर होने के बाद इस पर पर्दा डालने के लिए 4 लोगों क खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया। फर्जी रजिस्ट्री मामले में पुलिस जांच कर रही है। जांच के बाद कई और रसूखदारों परएफआईआर दर्ज हो सकती है। वहीं इस मामले में उप संचालक की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।



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Sunday, March 24, 2024

बृज और बरसाना, जैसी होली खेलने कई प्रांतों से पहुंचे श्रद्धालु पन्ना

ब्रज और वृंदावन की परंपरा की तरह पन्ना में भी होली मनाई गई।

पन्ना में मनाया गया फागोत्सव ,अबीर गुलाल, केसर के रंग से मनाई होली

पन्ना ब्यूरो- मंदिरों के शहर पन्ना में रंगों के पर्व होली को बड़े ही अनूठे अंदाज में मनाया जाता है। बृज और वृन्दावन की तरह पन्ना में भी कृष्ण भक्ति परंपरा के विशेष त्यौहार होली को धूमधाम से मनाने की परंपरा है। जिसका निर्वहन आज भी उसी तरह किया जाता है।प्रणामी सम्प्रदाय के सबसे बड़े तीर्थ पन्ना धाम में किलकिला नदी के निकट एक ओर राधिका रानी का मंदिर है इस परिक्षेत्र को बरसाना कहते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ दूरी पर कृष्ण और कृष्ण लीला को केन्द्र में रखकर एक ब्रह्म चबूतरे की स्थापना है। जहां श्री प्राणनाथ श्री कृष्ण की समस्त शक्तियों के साथ पूर्ण ब्रह्म परमात्मा के रूप में विराजमान हैं। इस क्षेत्र को बृजभूमि और परना परम धाम कहते हैं। यहां बृज, वृंदावन और बरसाने की तरह पारम्परिक होली मनाई जाती है।

मंदिर में पूरी रात चलता है फाग उत्सव

पन्ना स्थित महारानी जी (राधिका जी) मंदिर में होलिका दहन के एक दिन पूर्व शनिवार को जागरण की रात प्रतिवर्ष की तरह मनाई गई। इस दिन श्री महारानी जी (राधिका जी) के मंदिर में हीरे एवं रत्न जड़ित आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया। रात्रि में भोग लगने के पश्चात लगभग 10 बजे महारानी के मंदिर के प्रांगण में श्रद्धालु एकत्रित होने लगते हैं फिर फ़ाग गायन का कार्यक्रम प्रारंभ हो जाता है। गोकुल सकल ग्वालिन, घर-घर खेलें फ़ाग..., बेंदा भाल बन्यो राधा प्यारी को.....तू वेदी भाल न दे री.. आज के फ़ाग उत्सव में राधिका जी केन्द्र में है। दरअसल यह उन्हे फाग खेलने का निमंत्रण है। दूसरे दिन गुम्बटजी एवं बंगला जी में पुन: फ़ाग गीतों का गायन होता है। इसके बाद चांदी की पिचकारी से केसर के रंग डाले जाते हैं। परिकल्पना यह है कि यहां राधा और कृष्ण मिलकर परस्पर भाग खेलते हैं। समस्त सुन्दरसाथ सखियों के रूप में गीत गाते हुए इस फाग उत्सव में सम्मिलित होते हैं विशेषकर महिलाएं सोलह सिंगार कर पहुंचती हैं। देर रात तक यहां रंगारंग कार्यक्रम चलता रहा। उत्सव और उल्लास के इस अनूठे आयोजन का हिस्सा बनने के लिये देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पन्ना धाम पहुंचते हैं। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के पन्ना पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है



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एएसआई ने भारत के सबसे पुराने मंदिर की खोज कर ली,,

खुदाई में गर्भ ग्रह सहित ऐतिहासिक मंदिरों के अवशेष एवं प्राचीन शिवलिंग मिला,,

एएसआई ने 'भारत के सबसे पुराने मंदिर' की तलाश में नचने गांव में खुदाई शुरू की 

पन्ना अमित सिंह -एएसआई ने भारत के सबसे पुराने मंदिर की खोज के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के नचने गांव में खुदाई शुरू. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) भारत के सबसे पुराने मंदिर को खोजने की उम्मीद में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के नचने गांव में दो टीलों के नीचे से निकली  ईंटों एवं मंदिर के गृभगृह सहित शिवलिंग के सदियों पुरानी मिट्टी को साफ कर रहा है। . भारत के सबसे पुराने मंदिर को उजागर करने के लिए खुदाई स्थल दो प्राचीन मंदिरों से सिर्फ 30 मीटर की दूरी पर हैं - एक गुप्त-युग का पार्वती मंदिर और कलचुरी राजवंश द्वारा निर्मित चौमुख नाथ मंदिर। नचना हिंदू मंदिर, जिसे नचना मंदिर या नचना-कुठारा में हिंदू मंदिर के रूप में भी जाना जाता है,

5वीं या 6ठीं शताब्दी के गुप्त साम्राज्य युग की हो सकती मूर्तिया मंदिर 

चामुखनाथ ,भुमरा और देवगढ़ के साथ-साथ मध्य भारत के सबसे पुराने जीवित पत्थर के मंदिरों में से हैं।हालाँकि नचना मंदिरों की सटीक तारीख अनिश्चित है, उनकी शैली उन संरचनाओं से तुलनीय है जो 5वीं या 6ठीं शताब्दी के गुप्त साम्राज्य युग की हो सकती हैं। चतुर्मुख मंदिर 9वीं शताब्दी का है और हिंदू मंदिर वास्तुकला की उत्तर भारतीय शैली को दर्शाता है। पुरातत्वविदों का मानना ​​है कि जमीन के नीचे एक ऐतिहासिक स्थल है और वे इसे खोजने के लिए खुदाई कर रहे हैं।

खुदाई में मिला 5 वी सदी से पहले का मंदिर के अवशेष और शिवलिंग 

खुदाई में गर्भ ग्रह सहित ऐतिहासिक मंदिरों के अवशेष एवं सदी का सबसे पहले का शिवलिंग मिला, ऐतिहासिक धरोहर एवं मंदिर झीलों सहित हीरा खनिजों के अपार भंडार से लेकर पुरातत्व के अनुसार पांचवी सदी से पहले के मंदिरों का है इ इस नचने गांव में खुदाई की जा रही है जिसमे भारत के सबसे पुराने मंदिर की तलाश की जा रही है मौजूद 5 मार्च 2024 की शुरुआत में ही यहां पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा नचने में खुदाई का काम चालू किया गया था जो पन्ना जिले से 54 किलोमीटर दूर चौमुखनाथ मंदिर परिसर जहाँ शिव और पार्वती के मंदिर है जो पार्वती मंदिर है वो दुनिया का प्राचीन मंदिर  5वी सदी पूर्व का  माना जाता है ,शिव मंदिर 7वी सदी का माना जाता है मध्य प्रदेश के नचने गांव में पुरातत्वविदो ने भारत के सबसे पुराने मंदिर की तलाश में खुदाई हो रही हैं।जहाँ पर गुप्तकालीन पार्वती मंदिर और चौमुखी मंदिर के पास स्थित इस स्थल का ऐतिहासिक महत्व है। एएसआई की टीम ने  यहां पर आठ टीलों (स्थानों )को चिन्हित किया है जिसमे पहले टीले में लेआउट डालकर बहुत बारीकी से लेवर खुदाई  कर रही है और यहाँ पर मंदिर के अवशेष सहित दीवारों और गर्भ ग्रह मंडप ,प्राचीन शिवलिंग दिखा है,जो अपने आप मे ही ऐतिहासिक है आपको बता दे कि ऐतिहासिक  पार्वती मंदिर की खोज 1883-84 में हुई थी, और वर्तमान खुदाई से ऐतिहासिक रहस्योद्घाटन की नए सिरे से खोज की जा रही है  एएसआई अधिकारियों का लक्ष्य गुप्त-युग से पहले के मंदिरों को ढूंढना है,और उनको सुरक्षित करना है  प्रारंभिक निष्कर्षों से मंदिर के शीर्ष आधे हिस्से की खोज का पता चला है

 एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ. शिवकांत बाजपेयी ने कहा कि नचने गांव पुरातात्विक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण स्थान है, और इसमें एक पार्वती मंदिर है।मध्य प्रदेश कई प्राचीन मंदिरों का घर है, जिनमें गुप्त काल का मंदिर 'सांची 17' भी शामिल है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह भारत में अब तक का सबसे पुराना पूर्ण जीवित मंदिर है, जो 5वीं शताब्दी ई.पू. का है।




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