पन्ना ,गुनोर विधानसभा से दोनों प्रत्याशियों को दोबारा मैदान में उतारा
पवई विधानसभा सीट पर संसय जारी , लोकल की मांग को लेकर मंथन
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ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह
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राजेश वर्मा
अमित सिंह !! मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही,,कुछ राजनीतिक पार्टियों ने अपने विधानसभा प्रत्याशियों को युद्ध के मैदान पर उतार दिया है,, पहली बार भाजपा ने चुनाव अचार संहिता के पहले ही कुछ विधानसभा सीटो पर प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी थी ,,जिससे प्रत्याशियों को प्रचार प्रसार का समय मिल सके और जनता के बीच में जा कर चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सके ,,पन्ना जिले की दो विधानसभा सीटो में गुनोर आरक्षित सीट पर दोबारा डॉक्टर राजेश वर्मा पर विस्वास जताया हैवही पन्ना विधानसभा में बृजेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है,और पवई विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी का मंथन अभी भी जारी है ,,पन्ना विधानसभा की सीट पर चर्चा के बाजार में अनुमान लगाया जा रहा था ,कि कुसुम सिंह महदेले ,सतानंद गौतम ,,बबलू पाठक को टिकट दिया जा सकता है और बृजेंद्र प्रताप सिंह को पवई भेजा जा सकता है लेकिन पार्टी हाई कमान ने ऐसा ना करते हुए ,,पन्ना से पिछली बार विधायक रहे बृजेंद्र प्रताप सिंह को ही मैदान पर उतारा है,, जिससे अब चर्चा का बाजार पूरी तरह से साफ हो चुका है,, अभी तक कांग्रेस ने अपने पत्ते साफ नहीं किए हैं ,जिससे अभी जनता अनुमान लगा रही है कि,, शिवजीत सिंह (भैया राजा) श्रीकांत दीक्षित,, श्रीकांत दुबे, शारदा पाठक ,,को टिकट दिया जा सकता,,और कांग्रेस के सर्वे में यही नाम उभर कर सामने आ रहे ,,विधानसभा सीटों में कांग्रेस की प्रत्याशियों की लिस्ट आने के बाद पिक्चर पूरी तरह से साफ हो जाएगी कि,और रजनीतिक पार्टियों ने पन्ना विधानसभा से प्रत्यशियों को मैदान में अभी तक नही उतारा है ,,जिससे संसय की स्थिति बनी हुई क्योंकि पन्ना विधानसभा में ओबीसी वोट बैंक अत्यधिक होने के कारण कई पार्टियों ने ओबीसी चेहरों को मैदान पर उतरने पर विचार कर रही है अगर पन्ना विधानसभ से ओबीसी पर दांव खेला जाएगा ,तो भाजपा एवं कांग्रेस की मुश्किले भी बढ़ सकती है अभी तक के सर्वे के अनुसार पन्ना विधानसभा को भाजपा की सुरक्षित सीटों में से एक माना जाता है,
बृजेंद्र प्रताप सिंह अपने विकास का इतिहास लेकर ,,जनता से मांगेंगे आशीर्वाद,,
पन्ना विधानसभा से 2018 में विधायक रहे बृजेंद्र प्रताप सिंह कांग्रेस के 15 महीना की सरकार के बाद ,भाजपा की सरकार बनने के बाद कैबिनेट एवं खनिज श्रम मंत्री रहते हुए विकास का पन्ना विधानसभा में इतिहास रच दिया है,, कांग्रेस की आरोप प्रत्यारोप रेत उत्खनन का लगने के बाद भी ,,,बृजेंद्र प्रताप सिंह ने विकास का पिटारा खोल,, जनता के सपनों को साकार किया है, और कांग्रेस को जवाब स्वरूप मुंह पर विकास का तमाचा जड़ दिया है,,बृजेन्द्र प्रताप सिंह,कहा विकास कार्यो को लेकर जनता के बीच जाएंगे,,पन्ना विधानसभा की बड़ी बड़ी मांगे हमने अपने अल्पकालीन समय मे पूरी की है।इसलिए काम के आधार ही जनता हमे आशीर्वाद देगी।जिसको लेकर मैं पूर्ण आश्वस्त हूँ।
बृजेंद्र प्रताप सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि
उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश के पवई निर्वाचन क्षेत्र से जीता वह उस निर्वाचन क्षेत्र में जीतने वाले भाजपा के पहले नेता थे। वह 2008 में फिर से निर्वाचित हुए। 2009 में, शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में विस्तार हुआ, जिसमें उन्हें किसान कल्याण और कृषि विभाग के साथ राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। एक साल बाद उन्हें लोक सेवा प्रबंधन विभाग का प्रभारी भी बनाया गया।2013 की शुरुआत में, वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री तुकोजी राव पवार की बीमारी के कारण , पर्यटन और खेल और युवा कल्याण विभाग भी उन्हें स्थानांतरित कर दिए गए थे। 2013 में वो पवई से चुनाव हार गए थे 2018 के मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में उन्हें पन्ना विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी का टिकट मिला। और चुनाव जीत कर भाजपा सरकार में खनिज एवं श्रम मंत्री बने ,,2023 फिर भाजपा ने पन्ना विधानसभा से प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है,,
भाजपा में नाराज हो सकते हैं ये बड़े चेहरे ,बिगाड़ सकते है समीकरण ,कुसुम सिंह महदेले ,सतानंद गौतम,, बबलू पाठक ,संजय नगायच , अमिता बागरी
पन्ना जिले की तीनों विधानसभा सीटो मैं अलग-अलग विधानसभा सीटों से दावेदारी कर रहे नेताओं को टिकट न मिलने के कारण नाराज हो सकते है ये चेहरे ,,वही गुनोर से अमिता बागरी, पन्ना से कुसुम सिंह महदेले , सतानंद गौतम, बबलू पाठक और पवई से संजय नगायच, लेकिन पार्टी इनको मानने के लिए कवायद जारी है ,
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