लोगों का इलाज मौत की प्रयोगशाला बना ,पन्ना जिला चिकित्सालय इलाज के दौरान हो रही लोगों की मौत ।
गैर अनुभवी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ से जूझ रहा जिला अस्पताल पन्ना,
![]() |
| मृत पोती से लिपटकर रोते दादा |
ब्यूरो पन्ना -: कहने के लिए तो पन्ना जिला अस्पताल में डॉक्टर ,पैरामेडिकल स्टाफ अत्याधुनिक संसाधन मौजूद है । लेकिन आज भी अनुभवी डॉक्टरों के न होने के कारण लगातार लोगों की इलाज के दौरान मौत होने का सिलसिला लगातार जारी है । या फिर यूं कहने लोगो को इलाज के दौरान मारने की प्रयोगशाला बनी हुई है ।आंकड़े इसलिए नहीं बताए जा सकते हैं क्योंकि जिला अस्पताल में करने वाले व्यक्तियों की मौत को बहुत आसानी से समान्य मौत के तौर पर देखा जाता है। लेकिन अगर गहन स्तर से जांच करवाई जाए तो सीधे तौर पर कहीं ना कहीं पैरामेडिकल स्टाफ या फिर गैर अनुभवी डॉक्टरों के इलाज करने के कारण यह मौत की संख्या बढ़ रही है यह सच सामने आ सकता है, वही पन्ना जिले में लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा के तौर पर मात्र जिला अस्पताल पन्ना है लेकिन यहां पर अनुभवी डॉक्टरों की भारी कमी है । जिस कारण से अमूमन यह परिस्थितियों निर्मित होती हैं । इलाज कैसा हो रहा है किस स्तर पर हो रहा है और क्या परिस्थितियां बन रही है इसका सही समय पर आकलन नहीं लगाया जा रहा ऐसे में लोग अपनी जिंदगी को खो रहे हैं और परिवारों से लोग बिछड़ रहे है । लेकिन जिम्मेदार राजनेता जनप्रतिनिधि या फिर यूं कहे सरकार के पास इसका कोई समाधान ही नहीं है या फिर यूं कहें कि सरकार भी स्वास्थ्य व्यस्था में लापरवाह है
13 वर्षीय बालिका की मौत परिजनों का आरोप जिला चिकित्सालय की लापरवाही
आज एक बार फिर लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। जहाँ पर 13 वर्षीय अभिलाषा चौधरी की इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई, जिसके बाद स्वजनों ने डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जानकारी के मुताबिक, कक्षा सातवीं की छात्रा अभिलाषा को 9 अक्टूबर को पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया था। स्वजनों का कहना है कि इलाज में लापरवाही की गई और
हालत बिगड़ने पर उसे रीवा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन जब स्वजन उसे एंबुलेंस से ले जा रहे थे, तब बच्ची का ऑक्सीजन सिलेंडर हटा लिया गया। इसी दौरान उसकी हालत बिगड़ गई और उसे दोबारा ट्रॉमा सेंटर लाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत के बाद स्वजनों और अस्पताल स्टाफ के बीच जमकर विवाद हुआ। मौके पर समाजसेवी जितेन जाटव पहुंचे और स्वजनों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
दयाराम चौधरी (पिता)
मेरी बच्ची तड़पती रही और यह इंजैक्शन लगाते गए । हमे लगा पेट दर्ज जैसी बीमारी का इलाज इतने बड़े जिला अस्पताल में तो हो ही जाएगा । लेकिन पता नही था कि यहाँ इलाज के नाम पर पलंग में लेटा देते है और कुछ समय के बाद रेफर कर देते है । मैने अपनी लालड़ी को खो दिया लेकिन प्रशासन से मांग करता हूँ कि इसकी जांच हो ताकि ओर कोई अपनी बिटिया ना खो सके,
राजेश प्रसाद तिवारी (मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी पन्ना)
इस पूरे मामले पर जिला चिकित्सालय के सीएमएचओ डॉक्टर राजेश प्रसाद तिवारी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दौसी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।




No comments:
Post a Comment